मैं शिव हूँ...
मैं शिव हूँ मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ... मैं वीभत्स हूँ, विभोर हूँ, मैं समाधी में ही चूर हूँ घनघोर अँधेरा ओढ़ के मैं जन जीवन से दूर हूँ श्मशान में हूँ नाचता, मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ साम - दाम तुम्हीं रखो, मैं दंड में सम्पूर्ण हूँ... मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ... चीर आया चरम मैं, मार आया "मैं" को मैं "मैं", "मैं" नहीं "मैं" भय नहीं जो तू सोचता है मैं केवल वो भी नहीं मैं काल का कपाल हूँ, मैं मूल की चिंघाड़ हूँ... मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ... मैं आग हूँ, मैं राख हूँ, मैं पवित्र रोष हूँ मुझमें कोई छल नहीं, मेरा कोई कल नहीं मैं पंख हूँ, मैं श्वास हूँ, मैं ही हाड़ माँस हूँ मैं मग्न - चिर मग्न हूँ, एकांत में, उजाड़ में... मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ... मौत के ही गर्भ में हूँ, जिंदगी के पास हूँ अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का प्रकार हूँ मैं कल नहीं, मैं काल हूँ, वैकुण्ठ या पाताल ही नहीं मैं मोक्ष का भी सार हूँ, मैं पवित्र रोष हूँ, मैं अघोर हूँ... मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ... मैं आदि हूँ, अ...