साहित्य संग्रह

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मैं हवा हूँ, कहाँ वतन मेरा...

सामा चकेवा :: मिथिलांचल

घायल सैनिक का पत्र - अपने परिवार के नाम...( कारगिल युद्ध )

आरम्भ है प्रचंड बोले मस्तकों की झुंड आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो,...

आलसी आदमी

जोश में होश खो जाना, जवानी की पहचान है...

क्या तुझपे नज़्म लिखूँ

लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ.....

Rashmirathi - Ramdhari singh 'dinkar'... statements of Karna....

होठों पर गंगा हो, हाथो में तिरंगा हो....