उपलक्ष्य : शिक्षक दिवस का।
शिक्षक दिवस
शिष्य की शिष्यता से तलबगार हैं,
शत्रुवत मान कर, करते तकरार हैं।
आप गुरु द्रोण जैसे बनें तो सही,
हम अंगूठा कटाने को तैयार हैं।।
सबसे पहले हमारी प्रथम शिक्षिका माँ को नमन।
फिर हमारे सबसे मजबूत शिक्षक पिता को नमन।
फिर हमारे स्कूल के उन सभी शिक्षकों को नमन।जिन्होने हमे दुनिया मे रहने लायक बनाया।
हमारे जाने अनजाने उन परम् मित्रों को भी नमन।
जिनकी वजह से हम आज यहाँ कुछ लिखने के काबिल हुए, उनको भी नमन।
अंत में उन सभी लोगों को नमन जिनसे आज तक हमने कुछ न कुछ सीखा है।
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