आँधी - तूफ़ान का क्या, तुझको कोई खौफ नहीं ?
कैसे...??? इस तरह तूने मुझको, गले लगाया कैसे ? तेरा काज़ल मेरे रुखसार पर आया कैसे ? आँधी - तूफ़ान का क्या, तुझको कोई खौफ नहीं ? मुझसे मिलने भरी बरसात में, आया कैसे ? बात करना भी गवारा ना था मुझसे तुमको... टेलीफोन पर गीत मुहब्बत का सुनाया कैसे ? मोबाइल पर ही ले लिया मेरे जज़्बात का बोसा... भींगती रात में ये जश्न, मनाया कैसे ? जिन्दगी राग भी, ग़ज़ल भी, नगमा भी है "अल्फा" ... दिल के सरगम पर इसे तूने गाया कैसे ? ये तो चंद पल की कहानी है यारों... अपने जिन्दगी से मुझको अलग बसाया कैसे ? _______________ भरत अल्फा