बस इतना याद है और हमारे होठों पर मुस्कान तैर जाता है.....!!!
दोस्ती एक ऐसा शब्द, जिसके एहसास भर से चेहरे पर खुशियाँ छाने लगती है..
मन में हजारों ख्याल उमरने घुमरने लगते हैं...
न चाहते हुए भी हम बादलों के पार एक ऐसी दुनियां में सफ़र करने लगते हैं, जहा सिर्फ और सिर्फ खुशियों का ही बसेरा है...
दिल तो यादों के गलियारों में बेफिक्र घुमने लगता है...
फ्लैशबैक की साड़ी बातें हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती है...
बचपन में वो गिल्ली-डंडा खेलना, स्कूल बंक मार कर सिनेमा हॉल के बहार जाकर फिल्मों के पोस्टर निहारना...
कॉलेज के दिनों में बीयर की पहली बोतल, बाइक से शहर में घूमना, कॉलेज कैंटीन में बैठ कर घंटों बातें करना,
बेल बजने के बाद भी क्लास में जाने की नो टेंशन .....
बस इतना याद है, और हमारे होठों पर मुस्कान तैर जाता है.....
Bahut sundar likhe ho Alpha ji
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