वास्तविकता की ओर
अनजान नंबर
मैंने ट्रेन के दरवाजे के पीछे लिखे नंबर पर कॉल लगाया...
"आप रेणु जी बोल रहीं हैं.?"
डरी - सहमी सी आवाज में रिप्लाई आया
"जी हां, लेकिन आप कौन और आपको मेरा ये नंबर कहा से मिला.?"
"दरअसल वो ट्रेन...
दरअसल वो ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आपका नंबर आपके नाम से लिख रखा है, शायद आपका कोई अच्छा दुश्मन या फिर कोई बुरा दोस्त होगा।
जो भी हो, मुझे आपसे ये कहना था कि हो सके तो ये नंबर चेंज करवा लीजिये या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ तैयार रहिये।
वैसे अब तक जितने कॉल्स आ गए?
अच्छा छोड़िए, आज के बाद अब किसी का भी कॉल नही आएगा। क्योंकि ये नंबर मैं ट्रेन के डब्बे से डिलीट कर चुका हूं।
रेणु जी, अब मैं फ़ोन रखता हूं। "अपना ख्याल रखियेगा।"
तब उसने मुझे बोला कि नए नए अनजाने नंबर और उनपे गंदे ओर भद्दे बातो की वजह से मैं बहुत परेशान थी।
आप जो भी हो आपने मेरी बहुत बड़ी हेल्प की है, क्योंकि मुझे तो समझ ही नही आ रहा था कि ऐसे कॉल क्यों आ रहे हैं।
और फिर...
मुझे एक अजीब परन्तु वास्तविक दिशा मिली और मैं सार्वजनिक स्थानों पर लिखे ऐसे नंबर को मिटाने में लग गया, ताकि किसी ना किसी को तो बचाया जा सके।
माना कि हम किसी बुराई की वजह नहीं हैं पर किसी अच्छाई की वजह तो बन ही सकते हैं।
मेरा आप सभी से नम्र निवेदन है कि अगर आप कहीं भी इस तरह के नंबर और नाम देखें तो तुरंत मिटा दें।
एक अनजान खतरे से बाहर निकालने/निकालने में आपकी भी भागीदारी तथा जिम्मेदारी होनी ही चाहिए।
वो रेणु किसी ना किसी परिवार से ज़रूर होंगी। किसी ना किसी की बहन, बेटी, पत्नी, मां, आदि तो ज़रूर होंगी।
अगर आप किसी का साथ देंगे, तो आपको भी साथ देने वाले ऐसे हजार हाथ मिल ही जायेंगे।
बाकी, ईश्वर की कृपा सभी पर बनी रहे।
एक अकेले के साथ देने पर अगर लाखों का साथ मिल जाएगा तो स्थिती जल्दी बदलने लगेगी।
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