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Showing posts from February, 2021

गणित का समीकरण

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गणित का समीकरण (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) एक राज्य में एक पराक्रमी राजा का शासन था। उसकी कोई संतान नहीं थी। ढलती उम्र के कारण राज्य के भावी उत्तराधिकारी को लेकर वह अत्यंत चिंतित था। अनेक वैद्यों को दिखाने के बाद भी वह संतान सुख से वंचित ही रहा। अंततः उसने राज्य के ही किसी योग्य नवयुवक को राज्य की बाग़-डोर सौंप देने का निश्चय किया। भावी उत्तराधिकारी के चयन हेतु उसने योग्यता परीक्षण का आयोजन किया। इस हेतु एक शानदार महल का निर्माण करवाया गया। महल के दरवाज़े पर गणित (Mathematics) का एक समीकरण (Equation) अंकित कर पूरे राज्य में घोषणा कर दी गई कि राज्य के सभी नवयुवक/गणितज्ञ महल का दरवाज़ा खोलने के लिए आमंत्रित हैं। दरवाज़े पर अंकित समीकरण हल कर दरवाज़ा खोलें। जो दरवाज़ा खोलने में सफ़ल होगा, उसे महल उपहार स्वरुप प्रदान किया ही जायेगा और साथ ही साथ राज्य का उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया जायेगा। घोषणा के दिन से ही उस नव-निर्मित महल में नवयुवकों का तांता लग गया। सुबह से लेकर शाम ...

मन की शांति

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मन की शांति (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) एक दिन की बात है। एक किसान अपने खेत के पास स्थित अनाज की कोठी में काम कर रहा था। काम के दौरान उसकी घड़ी कहीं खो गई। वह घड़ी उसके पिता द्वारा उसे उपहार में दी गई थी। इस कारण उससे उसका भावनात्मक लगाव था।   उसने घड़ी ढूंढने की बहुत कोशिश की। कोठी का हर कोना छान मारा। लेकिन घड़ी नहीं मिली। हताश-निराश होकर वह कोठी से बाहर आ गया। वहाँ उसने देखा कि कुछ बच्चे खेल रहे हैं। उसने बच्चों को पास बुलाकर और समझा बुझा कर उन्हें अपने पिता की घड़ी खोजने का काम सौंपा। घड़ी ढूंढ निकालने वाले को ईनाम देने की घोषणा भी की। ईनाम के लालच में बच्चे तुरंत मान गए। कोठी के अंदर जाकर बच्चे घड़ी की खोज में लग गए। इधर-उधर, यहाँ-वहाँ, हर जगह खोजने पर भी घड़ी नहीं मिल पाई। बच्चे थक गए और उन्होंने हार मान ली। किसान ने अब घड़ी मिलने की आस खो दी। बच्चों के जाने के बाद वह कोठी में उदास बैठा था। तभी एक बच्चा वापस आया और किसान से बोला कि वह एक बार फिर से घड़ी ढूंढने...

इच्छाओं का दास

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इच्छाओं का दास (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) एक दिन की बात है। एक साधु गाँव के बाहर वन में स्थित अपनी कुटिया की ओर जा रहा था। रास्ते में एक बाज़ार पड़ा। बाज़ार से गुजरते हुए साधु की दृष्टि एक दुकान में रखी ढेर सारी टोकरियों पर पड़ी। उसमें ख़जूर ( Date ) रखे हुए थे। ख़जूर देखकर साधु का मन ललचा गया। उसके मन में ख़जूर खाने की इच्छा जाग उठी। किंतु उस समय उसके पास पैसे नहीं थे। उसने अपनी इच्छा पर नियंत्रण रखा और कुटिया चला आया। कुटिया पहुँचने के बाद भी ख़जूर का विचार साधु के मन से नहीं निकल पाया। वह उसी के बारे में ही सोचता रहा। रात में वह ठीक से सो भी नहीं पाया। अगली सुबह जब वह जागा, तो ख़जूर खाने की अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए पैसे की व्यवस्था करने के बारे में सोचने लगा। सूखी लकड़ियाँ बेचकर ख़जूर खरीदने लायक पैसों की व्यवस्था अवश्य हो जायेगी, यह सोचकर वह जंगल में गया और सूखी लकड़ियाँ बीनने लगा। काफ़ी लकड़ियाँ एकत्रित कर लेने के बाद उसने उसका गठ्ठर बनाया और उसे अपने कंधे पर ल...

हौसले की परीक्षा

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हौसले की परीक्षा (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) शहर के एक बड़े संग्रहालय ( Museum ) के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी। ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था। लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था। बेसमेंट के कोने में पड़ी एक पेंटिंग पर एक मकड़ी ( Spider ) ने बड़ी ही मेहनत से बड़ा सा जाला बुना हुआ था। वह उसका घर था और वह उसके लिए दुनिया की सबसे प्यारी चीज़ थी।  मकड़ी अपने घर का विशेष रूप से ख्याल रखा करती थी। एक दिन संग्रहालय (Museum) की साफ़-सफाई और रख-रखाव का कार्य प्रारंभ हुआ। इस प्रक्रिया में बेसमेंट में रखी कुछ चुनिंदा पेंटिंग्स (Paintings) को म्यूजियम के प्रदर्शनी कक्ष में रखा जाने लगा। यह देख संग्रहालय के बेसमेंट में रहने वाली कई मकड़ियाँ अपना जाला छोड़ कर अन्यत्र चली गई। लेकिन कोने के पेंटिंग की मकड़ी ने अपना जाला नहीं छोड़ा। उसने सोचा कि सभी पेंटिंग्स को तो प्रदर्शनी कक्ष में नहीं ले जाया ...

अनोखा समाधान

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अनोखा समाधान (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) राजस्थान के एक गाँव में रहने वाला एक व्यक्ति हमेशा किसी ना किसी समस्या से परेशान रहता था और इस कारण अपने जीवन से बहुत दु:खी था। एक दिन उसे कहीं से जानकारी प्राप्त हुई कि एक साधु बाबा अपने काफ़िले के साथ उसके गाँव में पधारे हैं। उसने तय किया कि वह साधु बाबा से मिलेगा और अपने जीवन की समस्याओं के समाधान का उपाय पूछेगा। शाम को वह व्यक्ति उस स्थान पर पहुँचा, जहाँ साधु बाबा रुके हुए थे। कुछ समय प्रतीक्षा करने के उपरांत उसे साधु बाबा से मिलने का अवसर प्राप्त हो गया। वह उन्हें प्रणाम कर बोला, “बाबा! मैं अपने जीवन में एक के बाद एक आ रही समस्याओं से बहुत परेशान हूँ। एक से छुटकारा मिलता नहीं कि दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। घर की समस्या, काम की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या और जाने कितनी ही समस्यायें। ऐसा लगता है कि मेरा पूरा जीवन समस्याओं से घिरा हुआ है। कृपा करके कुछ ऐसा उपाय बतायें कि मेरे जीवन की सारी समस्यायें खत्म हो जाये और मैं शांतिप...

नकारात्मक मानसिकता

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नकारात्मक मानसिकता (यदि आप इसे  मोबाइल  पर देख रहे हैं तो कृपया बेहतर परिणामों के लिए अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स को  डेस्कटॉप / कंप्यूटर मोड  में बदलें।) एक मकड़ी ( Spider ) अपना जाला बनाने केे लिए उपयुक्त स्थान की तलाश में थी। वह चाहती थी कि उसका जाला ऐसे स्थान पर हो, जहाँ ढेर सारे कीड़े-मकोड़े और मक्खियाँ आकर फंसेे। इस तरह वह मज़े से खाते-पीते और आराम करते अपना जीवन बिताना चाहती थी। उसे एक घर के कमरे का कोना पसंद आ गया और वह वहाँ जाला बनाने की तैयारी करने लगी। उसने जाला बुनना शुरू ही किया था कि वहाँ से गुजर रही एक बिल्ली उसे देख जोर-जोर से हँसने लगी। मकड़ी ने जब बिल्ली से उसके हंसने का कारण पूछा, तो बिल्ली बोली, ”मैं तुम्हारी बेवकूफ़ी पर हँस रही हूँ। तुम्हें दिखाई नहीं पड़ता कि ये स्थान कितना साफ़-सुथरा है। यहाँ न कीड़े-मकोड़े हैं, न ही मक्खियाँ। तुम्हारे जाले में कौन फंसेगा?” बिल्ली की बात सुनकर मकड़ी ने कमरे के उस कोने में जाला बनाने का विचार त्याग दिया और दूसरे स्थान की तलाश करने लगी।  उसने घर के बरामदे से लगी एक खिड़की देखी और वह वहाँ जाला बुनने लगी। उसने आ...