काल्पनिक विश्वास

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अपने शोध के दौरान एक समुद्री जीववैज्ञानिक ने पानी से भरे एक बड़े टैंक में शार्क मछलियों को डाला। कुछ देर बाद उसने उसमें कुछ चारा मछलियाँ डाल दी।

चारा मछलियों को देखते ही शार्क (Shark) तुरंत तैरकर उनकी ओर गई और उन पर हमला कर के उन्हें का लिया। समुद्री जीववैज्ञानिक ने कुछ और चारा मछलियाँ (Bait Fishes) टैंक में डाली और वे भी तुरंत शार्क का आहार बन गई।

अब समुद्री जीववैज्ञानिक ने एक कांच का मजबूत पारदर्शी टुकड़ा उस टैंक के बीचों-बीच डाल दिया। टैंक अब दो भागों में बंट चुका था। एक भाग में शार्क थी, और दूसरे भाग में चारा मछलियां।

विभाजक पारदर्शी कांच से शार्क चारा मछलियाँ को देख सकती थी। चारा मछलियों के देख शार्क फिर से उन पर हमला करने के लिए उस ओर तैरी, लेकिन कांच के विभाजक टुकड़े से टकरा कर रह गई। उसने फिर से कोशिश की, लेकिन कांच के टुकड़े के कारण वह चारा मछलियों तक नहीं पहुँच सकी।

शार्क ने दर्जनों बार पूरी आक्रामकता के साथ चारा मछलियों पर हमला करने की कोशिश की। लेकिन, बीच में कांच का टुकड़ा आ जाने के कारण वह असफल रही। कई दिनों तक शार्क उन कांच के विभाजक के पार जाने का प्रयास करती रही, लेकिन सफल न हो सकी। अंततः थक-हारकर उसने हमला करना छोड़ दिया और टैंक के अपने भाग में रहने लगी।

कुछ दिनों बाद समुद्री जीववैज्ञानिक ने टैंक से उस कांच के विभाजक को हटा दिया। विभाजक हट जाने बावजूद शार्क ने कभी उन चारा मछलियों पर हमला नहीं किया क्योंकि एक काल्पनिक विभाजक उसने दिमाग में बस चुका था और उसने सोच लिया था कि वह उसे पार नहीं कर सकती।

सीख : जीवन में असफ़लता का सामना करते-करते कई बार हम अंदर से टूट जाते हैं और हार मान लेते हैं। हम सोच लेते हैं कि अब चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, सफ़लता हासिल करना नामुमकिन है और उसके बाद हम कभी कोशिश ही नहीं करते। जबकि, सफ़लता प्राप्ति के लिए अनवरत प्रयास आवश्यक है।  परिस्थितियाँ बदलती रहती है। इसलिये अतीत की असफ़लता को दिमाग पर हावी न होने दें और पूरी लगन से फिर मेहनत करें। सफलता आपके कदम चूमेगी।



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