नौकर की क़ाबिलियत
नौकर की क़ाबिलियत
राजा के दरबार में...
एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी क़ाबिलियत पूछी गई।
तो वो बोला, "मैं किसी को भी बस देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ, फिर वो चाहे आदमी हो, चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ।" 😇
राजा ने उसे अपने खास "घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज" बना दिया। 😎
कुछ ही दिन बाद राजा ने उससे अपने सब से महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा।
तो उसने कहा, "नस्ली नहीं है।" 😏
राजा को हैरानी हुई। 😳
उसने जंगल से घोड़े वाले को बुला कर पूछा।
उसने बताया घोड़ा नस्ली तो हैं, पर इसके पैदा होते ही इसकी मां मर गई थी। इसलिए ये एक गाय का दूध पी कर उसके साथ पला बढ़ा है।
राजा ने अपने नौकर को बुलाया और पूछा तुम को कैसे पता चला कि घोड़ा नस्ली नहीं हैं?? 🧐
उसने कहा, "जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सिर नीचे करके खाता है।" जबकि नस्ली घोड़ा घास मुंह में लेकर सिर उठा लेता है, और तब खाता है। 😎
राजा उसकी क़ाबिलियत से बहुत खुश हुआ। 😊
उसने नौकर के घर "अनाज, घी, मुर्गे, और ढेर सारी बकरियां" बतौर इनाम भिजवा दिए। 🥰
अब उसे रानी के महल में तैनात कर दिया गया। 😎
कुछ दिनो बाद राजा ने उससे रानी के बारे में राय मांगी। 🧐
उसने कहा, "तौर तरीके तो रानी जैसे ही हैं, लेकिन पैदाइशी नहीं हैं।" 😏
राजा के पैरों तले जमीन निकल गई। 😨
उसने अपनी सास को बुलाया। 🤨
सास ने कहा, "हक़ीक़त ये है कि आपके पिताजी ने मेरे पति से हमारी बेटी की पैदाइश पर ही रिश्ता मांग लिया था। लेकिन, हमारी बेटी 6 महीने में ही मर गई थी। लिहाज़ा हम ने आपके रजवाड़े से करीबी रखने के लिए किसी और की बच्ची को अपनी बेटी बना लिया।" 🥰
राजा ने फिर अपने नौकर से पूछा, "तुम को कैसे पता चला??"🧐
उसने कहा, "रानी साहिबा का नौकरो के साथ सुलूक गंवारों से भी बुरा है। एक खानदानी इंसान का दूसरों से व्यवहार करने का एक अलग तरीका होता है। जो रानी साहिबा में बिल्कुल नहीं है।" 😏
राजा फिर उसकी पारखी नज़रों से खुश हुआ। और फिर से बहुत सारा अनाज भेड़ बकरियां बतौर इनाम दी। साथ ही उसे अपने दरबार मे तैनात कर लिया। 🥰 😇 😎
कुछ वक्त गुज़रा।
राजा ने फिर नौकर को बुलाया, और अपने बारे में पूछा। 😇
नौकर ने कहा, "जान की सलामती हो तो कहूँ।” 🙏🏻
राजा ने वादा किया तो उसने कहा, "न तो आप राजा के बेटे हो, और न ही आपका चलन राजाओं वाला है।" 😐
राजा को बहुत गुस्सा आया। 😡
मगर जान की सलामती का वचन दे चुका था। 😏
राजा सीधा अपनी मां के महल पहुंचा...
मां ने कहा, "ये सच है, कि तुम एक चरवाहे के बेटे हो। हमारी औलाद नहीं थी। तो तुम्हे गोद लेकर हमने पालाा।" 😊
राजा ने नौकर को बुलाया और पूछा, "बता, तुझे कैसे पता चला कि मेरा राजाओं वाला चलन नहीं है?" 🧐🤨
उसने कहा, "जब राजा किसी को इनाम दिया करते हैं, तो हीरे मोती और जवाहरात की शक्ल में देते हैं। लेकिन, आप भेड़, बकरियां, खाने पीने की चीजें दिया करते हैं।" 😏
ये रवैया किसी राजा का नहीं, किसी चरवाहे के बेटे का ही हो सकता है। 🤨
किसी इंसान के पास कितनी धन दौलत, सुख समृद्धि, रुतबा, इल्म, बाहुबल हैं, ये सब बाहरी दिखावा है। 😏
इंसान की असलियत की पहचान, उसके व्यवहार और उसकी नियत से होती है।
Sach me! Activities are symbol of inner personality.
ReplyDeleteGood morning!
👏👍
DeleteThank you sir I have read this story. Really this is very interesting story. Sir no doubt you are a man of master mind for this I request you if possible then ablable one book. The name of this book is Stories for pleasent reading
ReplyDeleteThank you 👍
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