अरमान

muhabbat  ka  yaaro  sila  kuchh  nahi...
ek  gam  ke  siva  aur  mila  kuchh  nahi...
saare  armaan  jal  kar  raakh  ho  gaye...
aur  log  kahte  hain,  jala  kuchh  nahi.........!!!!!!


 

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